The Intelligent Investor Pdf in Hindi

06.11.2023
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The Intelligent Investor pdf संक्षिप्त रूप में ,आपको एक मजबूत वित्तीय नींव बनाने में मदद कर सकती है। यह आपको सिखाती है कि बुद्धिमानी से निवेश कैसे करें?, जोखिम कैसे कम करें? और अपने वित्तीय लक्ष्य कैसे प्राप्त करें?। इस पुस्तक में बताये गए सिद्धांत किसी भी समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और संभावित रूप से आपको वित्तीय सफलता की ओर ले जा सकते हैं।

The Intelligent Investor PDF IN HINDI is a guide to smart & practical investing.

बेंजामिन ग्राहम को मूल्य निवेश का जनक माना जाता है, यह पुस्तक आपको निवेश (investing) की कला और विज्ञान में अमूल्य ज्ञान प्रदान करती है। इसे  निवेश पर सबसे प्रभावशाली पुस्तकों में से एक माना जाता है। 

निवेश के तीन मुख्य सिद्धांत

सबसे पहले The Intelligent Investor Pdf in Hindi द्वारा उन तीन प्रमुख सिद्धांतो को समझेंगे जिसपर बेंजामिन ग्राहम ने सबसे ज्यादा जोर दिया।

निवेश (PRINCIPAL OF INVESTMENTS) के तीन मुख्य सिद्धांत

मूलधन की सुरक्षा (Safety of Principal)

मूलधन की सुरक्षा (Safety of Principal): ग्राहम का मानना ​​था कि निवेश में सबसे पहला और महत्वपूर्ण विचार अपने मूलधन यानी Principal Amount (जो पैसा आप निवेश करते हैं) की रक्षा करना होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि एक निवेशक को अपना मूलधन यानी Principal Amount खोने के जोखिम को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

आइये इसे एक उदाहरण के साथ समझते है।
कल्पना कीजिए कि आपके पास निवेश करने के लिए 100,000 रुपये हैं, और आप कंपनी ए और कंपनी बी इन दो निवेश विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

कंपनी ए: यह एक हाई रिटर्न्स देनेवाला पर हाई रिस्कवाला स्टार्टअप है। आपने कई माध्यमों से सुना है कि यदि यह सफल होता है, तो यह आपको अविश्वसनीय रिटर्न प्रदान कर सकता है, संभावित रूप से आपके निवेश को दोगुना या तीन गुना कर सकता है। हालाँकि, इस बात की भी काफी संभावना है कि कंपनी आपने प्रयासों में विफल हो सकती है, जिससे आपको 100,000 का नुकसान हो सकता है। यानि आपकी राशि पूरी तरह डूब सकती है।

कंपनी बी: यह एक स्टेबल, well-established blue-chip company कंपनी है। यह कंपनी वार्षिक 10 % का मामूली लेकिन विश्वसनीय रिटर्न देती है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि एक वर्ष के बाद आपका प्रारंभिक निवेश बढ़कर 110,000 हो जाएगा।


इसी तरह कंपनी बी यह मूलधन की सुरक्षा (Safety of Principal Amount) का परफेक्ट उदाहरण है भले ही कंपनी ए के तुलना में रिटर्न्स कम है पर यह आपके Principal Amount को सुरक्षा प्रदान करती हैं। जिससे आपकी Rs. 1,00,000 Principal Amount को पूरीतरह से खोने का जोखिम कम हो जाता है।

POST OVERVIEW

पर्याप्त रिटर्न (Sufficient Return)

पर्याप्त रिटर्न (Sufficient Return): मूलधन की सुरक्षा (safety of the Principal) तो महत्वपूर्ण है, पर निवेशकों को अपने निवेश पर पर्याप्त रिटर्न कमाने का भी लक्ष्य रखना चाहिए। ग्राहम ने सुझाव दिया कि निवेशकों को ऐसे निवेश की तलाश करनी चाहिए जो उचित रिटर्न प्रदान करते हैं। यहाँ सुरक्षा और रिटर्न के बीच संतुलन आवश्यक है”।

मान लीजिए कि आपके पास निवेश करने के लिए Rs.1,00,000 हैं, और आप महँगाई के असर यानी impact of inflation के बारे में चिंतित हैं, जो वर्तमान में 6% की वार्षिक दर पर चल रही है।

पहला विकल्प Bank Deposits:- आप अपने Rs.1,00,000 को एक बैंक बचत खाते में जमाते हैं, जो आपको 4% की वार्षिक ब्याज दर प्रदान करता है। एक वर्ष के बाद, ब्याज के कारण आपकी शेष राशि बढ़कर Rs.1,04,000 हो जाएगी। इस कन्सेप्ट को समझने के लिए “खरीददारी शक्ति” यानी Purchasing Power का सूत्र उपयोग किया जा सकता है।

प्रारंभिक निवेश (Initial Investment) = 1,00,000
ब्याज दर (Interest Rate) = 4% (0.04)
महंगाई दर (Inflation Rate) = 6% (0.06)

  • रुपये की खरेदी करने की क्षमता (Purchasing Power) = प्रारंभिक निवेश × (1 + ब्याज दर) / (1 + महंगाई दर)
  • Purchasing Power = 1,00,000*(1+0.04)/(1+0.06)
  • 1,04,000/1.06
  • Purchasing Power = 98,113.21 

 “खरीददारी शक्ति” का सूत्र आपको बता रहा है कि अगर आपके पास किसी निवेश या बचत के माध्यम से कमाए गए पैसे हैं, और अगर उस निवेश या बचत के लाभ में महंगाई दर से कम लाभ है, तो आपके पैसे की खरीददारी शक्ति (Purchasing Power) कम हो जाती है।

बाजारभाव विरुद्ध आंतरिक मूल्य (Market Price vs. Intrinsic Value)

बेंजामिन ग्राहम का कहना है कि, वास्तविक दुनिया में, बाजार की कीमतें हमेशा आंतरिक मूल्यों के अनुरूप नहीं होती हैं। स्टॉक और अन्य निवेशों का गलत मूल्य लगाया जा सकता है। स्मार्ट निवेशक तब खरीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हैं जब बाजार मूल्य आंतरिक मूल्य से काफी कम होता है।

कल्पना कीजिए कि आप तकनीकी ( tech industry) उद्योग में एक अच्छी तरह से स्थापित कंपनी “एबीसी कंपनी” के शेयर खरीदने पर विचार कर रहे हैं। प्रत्येक शेयर वर्तमान में शेयर बाजार में Rs. 50 के बाजार भाव पर कारोबार कर रहा है।

बाजार भाव यानी स्टॉक का वर्तमान व्यापारिक मूल्य (current trading price) है, जो इस मामले में Rs.50 है। यह वह राशि है जो अन्य निवेशक अभी एबीसी कंपनी के एक शेयर के लिए भुगतान करने को तैयार हैं।

आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value):स्टॉक का आंतरिक मूल्य उसके बाजार भाव और उसके मूलभूत विश्लेषण (FUNDAMENTAL ANALYSIS) के आधारपर उस स्टॉक का भाव क्या होना चाहिए ये बताता है। गहन विश्लेषण करने के बाद, आप आप को पता चलता है कि एबीसी कंपनी के स्टॉक का आंतरिक मूल्य वास्तव में Rs. 70 प्रति शेयर के करीब है। यह मूल्यांकन कंपनी की कमाई, विकास क्षमता (GROWTH ) और उद्योग की स्थिति जैसे कारकों पर आधारित है।

यदि आप एबीसी कंपनी के शेयर मौजूदा बाजार भाव Rs.50 पर खरीदते हैं, और आपको लगता है कि आंतरिक भाव Rs 70 के करीब है, तो आप उस स्टॉक को कम प्राइस पर खरीद रहे हैं। दूसरी ओर, यदि आप स्टॉक तब खरीदते हैं जब वह Rs 80 या उससे अधिक पर कारोबार कर रहा हो, तो आप उसके आंतरिक मूल्य से अधिक का भुगतान कर रहे हैं।

निवेशक VS सट्टेबाज

बेंजामिन ग्राहम ने निवेश और सट्टेबाजी के बीच के अंतर को बहुत अच्छे से समझाया है। आइए The Intelligent Investor pdf के माध्यम से इसे और आसानी से समझें।

एक निवेशक हमेशा कम जोखिम वाले और दीर्घ काल के लिए कम जोखिम वाले निवेश पद्धति चाहता है, जबकि एक सट्टेबाज अल्पकालिक, उच्च जोखिम वाले दांव में लगा रहता है।

निवेशक

  • निवेशक दीर्घकाल को ध्यान में रखते अपने निवेश को कई वर्षों या दशकों तक बनाए रखने की योजना बनाते है।
  • निवेशक अपनी पूंजी को संरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करता है । वह बाझार का अध्ययन करके स्थिर आय और लाभांश देनेवाली जो अच्छी तरह से स्थापित (Established) कंपनियों के शेयरों को प्राथमिकता देता हैं और ऐसे ही कंपनी में अपने पैसे निवेश करता है।
  • जोखिम कम करने के लिए निवेशक अपने निवेश को विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों में निवेश करता है। वो हमेशा अपने पोर्टफोलियो को मिश्रित बनाता है और हमेशा पैसे को अलग अलग स्टॉक, बॉन्ड और अन्य संपत्तियों में निवेश करता है।
  • जब शेयर बाज़ार ऊपर या नीचे जाता है, तो निवेशक डरता नहीं बल्कि शांत रहता है क्योकि उसे पता है कि बाजार में अस्थिरता निवेश का स्वाभाविक हिस्सा है।
  • एक निवेशक का प्राथमिक उद्देश्य धीरे-धीरे लेकिन लगातार धन बनाना और समय के साथ बाजार की वृद्धि और चक्रवृद्धि दोनों की शक्ति से लाभ उठाना है।

सट्टेबाज

  • सट्टेबाज कम समय में लाभ कमाना चाहता है और अक्सर बाजार के रुझानों और समाचारों के आधार पर कुछ दिनों या घंटों के भीतर स्टॉक का व्यापार करते है।
  • सट्टेबाज जोखिम लेकर बिना अध्ययन किये किसी भी स्टॉक तथ किसी भी कंपनी में या किसी स्कीम में पैसे निवेश करता है।
  • सट्टेबाज अक्सर अपने पैसे को कुछ उच्च जोखिम वाले शेयरों में निवेश करता हैं , उसे ऐसे लगता है ऐसा करने से उस कीमतों में तेजी से वृद्धि होगी।
  • सट्टेबाज बाज़ार भाव के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होता है । वो अक्सर किसी स्टॉक को तब खरदता है जब वह अपने हाई लेवल पर हो और जब उसकी कीमत गिर जाती है तो तो वह घबराहट में उसे बेच देता है।
  • एक सट्टेबाज हमेशा बाजार भाव में अल्पकालिक होनेवाली हलचल से लाभ कमाने के उद्देश्य से पैसा निवेश करता है।

आइये इसे एक उदाहरण के साथ समझते है।

मान लीजिए कि एक प्रौद्योगिकी कंपनी, XYZ Inc. है, जो हाल ही में सार्वजनिक हुई है। निवेशक प्रकाश कंपनी के वित्तीय विवरणों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करता है, और उस कंपनी के दीर्घकालिक विकास संभावनाओं पर और ट्रैक रिकॉर्ड पर विचार करता है, और पूरी तस्सली के बाद अगले पोर्टफोलियो में 10 वर्षों तक स्टॉक रखने के इरादे से XYZ Inc. में निवेश करती है।

इसके विपरीत, सट्टेबाज रोशन को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक हॉट टिप के माध्यम से XYZ Inc. के बारे में पता चलता है। वह उस कंपनी के बारे में अध्ययन किए बिना XYZ Inc. के शेयर खरीदता है। रोशन को, एक या दो सप्ताह के भीतर शेयर बेचने की उम्मीद है, क्योंकि स्टॉक तेजी से बढ़ रहा है, जिससे उन्हें जल्द लाभ होने की उम्मीद है।

कुछ सप्ताह बाद, बाहरी आर्थिक कारकों के कारण शेयर बाज़ार में मंदी आई जिससे XYZ INC कंपनी के शेयर के भाव गिरे। जिससे शेयर होल्डर्स के मन में घबराहट होने लगी , पर प्रकाश जैसे निवेशक ने कंपनी के FUNDAMENTALS का अध्ययन करते है और अपने आधार पर निर्णय लेते है। पर रोशन जैसे सट्टेबाज इस सिचुएशन में घबराकर शेयर्स बेच देते है और अपना नुकसान कर लेते है।

इसी लिए बेंजामिन ग्राहम की पाठकों को अध्ययन करने वाले,अनुशासित और कम जोखिम वाली निवेश रणनीतियों के साथ और लंबे समय तक निवेश करने की सलाह देते है।

You are Going to Learn

मूल्य निवेश (Value Investing)

मूल्य निवेश यानी Value investing एक ऐसी रणनीति है जिसमे कोई भी संपत्ति या किसीभी कंपनी के शेयर्स खरीदना शामिल है। जिसमे ऐसी सम्पति को खरीदना शामिल है जिसकी कीमत बाजार भाव से कम है। मूल्य निवेश में कई प्रमुख घटक शामिल हैं, आइये इसे The Intelligent Investor Pdf के जरिये समझते है।

मार्जिन की सुरक्षा (MARGIN OF SAFETY)

मार्जिन की सुरक्षा यह एक अवधारणा मूल्य निवेश में एक मूलभूत तत्व है, और बेंजामिन ग्राहम के निवेश दर्शन का एक केंद्रीय सिद्धांत है। यह भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए किसी भी कंपनी के स्टॉक को उसके आंतरिक मूल्य ( Intrinsic Value) से कम कीमत पर खरीदने की अवधारणा पर आधारित है।

मान लीजिए कि आप एक निवेशक हैं जो शेयर बाजार में सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी ABC के शेयर खरीदना चाहते हैं। आपने कंपनी की प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट, बैलेंसशीट और कंपनी के विकास की संभावनाओं का गहन अध्ययन किया है, और आपने यह निर्धारित किया है कि कंपनी ABC के एक शेयर का आंतरिक मूल्य १०० रुपये है. जबकि, ABC कंपनी के शेयरों का मौजूदा बाज़ार भाव ७० रुपये है।

अरुण निवेशक है जो बेंजामिन ग्राहम के सिद्धांतों का पालन करता है। सुरक्षा के मार्जिन की अवधारणा को देखते हुए, उसने ABC कंपनी के शेयर ७० रुपये बाजार भाव पर खरीदने का फैसला लिया। जिसकी कीमत १०० रुपये के आंतरिक मूल्य से काफी कम है। ऐसा करने से, अरुण अपने निवेश में ३० रुपये का बफर या मार्जिन में सुरक्षा रखता है।

विरोधाभासी दृष्टिकोण (The Contrarian Approach)

निवेश में विरोधाभासी दृष्टिकोण एक ऐसी रणनीति है जिसमें बाजार की प्रचलित भावना के खिलाफ जाना शामिल है।कॉन्ट्रेरियन निवेशकों का मानना ​​है यह है कि बाजार भाव अक्सर समाचारों, घटनाओं या रुझानों पर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया करता है, जिससे शेयर्स का बाजार भाव या तो अधिक हो जाता है या कम हो जाता है।

  • विरोधाभासी निवेशकों का लक्ष्य बाजार भाव के विपरीत जाकर बाजार की इन समाचारों, घटनाओं या रुझानों से ही लाभ उठाना होता है।
  • विरोधाभासी निवेशक ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं जिन्हें अधिकांश निवेशक पसंद नहीं करते हैं या जिन पर ध्यान नहीं देते हैं।
  • विपरीत निवेशक ऐसी संपत्तियों या कंपनियों की तलाश करते हैं जो किसी कारण से लोकप्रिय नहीं हैं, या अलोकप्रिय हो रही हैं या बुरे दौर से गुजर रही हैं।
  • विरोधाभासी निवेशक तब बेचते हैं जब बाजार में अन्य निवेशकों के आशावाद या अतार्किक उत्साह के कारण बाजार मूल्य बढ़ जाता है।
  • सुरक्षा के मार्जिन की तलाश में, मौलिक विश्लेषण के आधार पर कम मूल्य वाले स्टॉक या संपत्ति खरीदने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • विरोधाभासी निवेशकों के पास अक्सर दीर्घकालिक दृष्टिकोण होता है और इसलिए उनमें अल्पकालिक मूल्य में उतार-चढ़ाव के लिए धैर्य और सहनशीलता के गुण होते हैं।
  • विरोधाभासी निवेशक अपना स्वयं का अध्ययन करते हैं और किसी भी लोकप्रिय रुझानों या बाजार पंडितों का अनुसरण करने के बजाय अपने स्वयं के विश्लेषण पर भरोसा करते हैं।
  • निवेशक अपने निवेश की सुरक्षा के लिए जोखिम प्रबंधन (RISK MANAGEMENT) रणनीतियों का उपयोग करते हैं, जैसे स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना या अपने पोर्टफोलियो में अलग अलग स्टॉक्स का समावेश यानी DIVERSIFICATION का उपयोग करना।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विरोधाभासी दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण हो सकता है और हमेशा सफल नहीं हो सकता है। सफल निवेश के लिए संपत्ति और विषयों की गहरी समझ की आवश्यकता होती है।

DIVERSIFICATION

आधुनिक पोर्टफोलियो सिद्धांत में विविधीकरण एक बुनियादी सिद्धांत है और इसे निवेश जोखिम के प्रबंधन के लिए एक अच्छी रणनीति माना जाता है। जबकि निवेशक कम मूल्य वाली संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वे निवेश जोखिम को कम करने के लिए निवेश के विविधीकरण पर भी जोर देते हैं। विविधीकरण का प्राथमिक उद्देश्य किसी एक निवेश में खराब प्रदर्शन के प्रभाव को पोर्टफोलियो पर कम करना है।

  • विभिन्न प्रकार के निवेश करके, एक निवेशक अपना सारा पैसा एक ही संपत्ति या कंपनी में रखने से बढ़ने वाली जोखिम को कम करता है। यदि कोई निवेश खराब प्रदर्शन करता है तो यह रणनीति आपके पोर्टफोलियो को गंभीर नुकसान से बचाने में मदद कर सकती है।
  • विविधीकरण को विभिन्न वर्गों में , जैसे स्टॉक, बॉन्ड, रियल एस्टेट, कमोडिटी और नकद समकक्ष जैसे RECURRING ACCOUNT , FIXED DEPOSIT में निवेश किया जा सकता है। प्रत्येक वर्ग की अपनी जोखिम होती है, और उन्हें एक पोर्टफोलियो में शामिल करने से जोखिम को संतुलित करने में मदद मिलती है।
  • कई निवेशक आसान विविधीकरण के लिए म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का उपयोग करते हैं। ये फंड परिसंपत्तियों के विविध पोर्टफोलियो में निवेश करने के लिए कई निवेशकों से पैसा इकट्ठा करते हैं, जिससे यह व्यक्तिगत निवेशकों के लिए अधिक सुलभ हो जाता है।
  • यद्यपि विविधीकरण जोखिम को कम करता है, यह संकेंद्रित निवेश से जुड़े उच्च रिटर्न की संभावना को भी सीमित कर सकता है।जोखिम को काम करना और रिटर्न के बीच एक उचित संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होती है और यह निवेशक के व्यक्तिगत लक्ष्यों पर निर्भर करता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विविधीकरण जोखिम को पूरी तरह से समाप्त नहीं करता है, बल्कि इसका उद्देश्य परिसंपत्तियों की एक श्रृंखला में जोखिम को प्रबंधित करना, जिससे अधिक स्थिर और दीर्घकालिक रिटर्न प्राप्त होता है।

गुणात्मक विश्लेषण (QUALITATIVE ANALYSIS)

गुणात्मक विश्लेषण, वित्तीय और निवेश के परिणाम, निवेश के प्रबंधन यानि इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और हर व्यक्ति के स्वभाव पर आधारित होता हैं। इसमें निवेश के गुणात्मक और गैर-मात्रात्मक पहलुओं का मूल्यांकन करना शामिल है, जैसे की कंपनी की प्रबंधन टीम कैसी है?प्रतिस्पर्धी में कंपनी कोनसे स्थान पर है? ब्रांड की ताकत और उद्योग के रुझान। 

गुणात्मक विश्लेषण, वित्तीय और निवेश के परिणाम, निवेश के प्रबंधन यानि इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट गुणात्मक विश्लेषण का उपयोग अक्सर मात्रात्मक विश्लेषण के साथ किया जाता है, जो संख्यात्मक डेटा और वित्तीय मैट्रिक्स पर निर्भर करता है।और हर व्यक्ति के स्वभाव पर आधारित होता हैं। इसमें निवेश के गुणात्मक और गैर-मात्रात्मक पहलुओं का मूल्यांकन करना शामिल है, जैसे की कंपनी की प्रबंधन टीम कैसी है?प्रतिस्पर्धी में कंपनी कोनसे स्थान पर है? ब्रांड की ताकत और उद्योग के रुझान। 

वित्त और निवेश में गुणात्मक विश्लेषण में निम्नलिखित प्रमुख तत्व शामिल हैं।

  • प्रबंधन गुणवत्ता: कंपनी की प्रबंधन टीम की क्षमता और अखंडता का आकलन करने के लिए गुणात्मक विश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण है। मूल्यांकन के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों में उनके ट्रैक रिकॉर्ड, नेतृत्व कौशल और रणनीतिक दृष्टि का मूल्यांकन शामिल हो सकता है।
  • प्रतिस्पर्धात्मक लाभ उद्देश्य यह पता लगाने के बारे में है कि एक कंपनी वास्तव में किस चीज़ में अच्छी है, वे चीज़ें जो कंपनी को उसके प्रतिस्पर्धियों से बेहतर बनाती हैं। इनमें विशेष चीजें शामिल हैं जैसे पेटेंट, ब्रांड, अपने उत्पादों को बेचने के लिए व्यापक नेटवर्क, या अनूठी प्रौद्योगिकियां जो किसी और के पास नहीं हैं।
  • उद्योग और बाज़ार के रुझान का मतलब यह देखना हैं कि संपूर्ण उद्योग या बाज़ार कैसा प्रदर्शन कर रहा है। क्या इसमें नए नियम या कानून आये है ? साथ ही क्या उद्योग में वृद्धि हो रही है? और लोग प्रोडक्ट को कब, कैसे खरीद और उपयोग कर रहे हैं? उद्योग और बाज़ार के रुझान में यह पता लगाने की कोशिश करना शामिल है। गुणात्मक विश्लेषण निवेशकों को यह अनुमान लगाने में मदद करता है कि भविष्य में क्या हो सकता है और बाजार कैसे बदल सकता है। यह देखने की कोशिश करने जैसा है कि हवा किस दिशा में बह रही है ताकि हम आगे की योजना बना सकें।
  • ब्रांड और प्रतिष्ठा मतलब लोग किसी कंपनी को कितना पसंद करते हैं और उस पर कितना भरोसा करते हैं। यदि किसी कंपनी की प्रतिष्ठा अच्छी है और लोग उसके ब्रांड को पसंद करते हैं, तो वह अपने उत्पादों के लिए अधिक शुल्क ले सकती है और फिर भी ग्राहक बने रहते हैं। यह वैसा ही है जैसे जब आप किसी प्रसिद्ध हॉटेल पर भरोसा करते हैं, कीमतें बढ़ने के बाद भी आप थोड़ा अधिक भुगतान करने को तैयार होते हैं और आप भोजन के लिए उसी हॉटेल वापस जाते रहते हैं।
  • कॉर्पोरेट संस्कृति एक कंपनी के व्यक्तित्व की तरह है। जैसे की कंपनी अपने कर्मचारी यो के साथ कैसे बर्ताव करती है ? क्या कर्मचारियोंको नए विचार लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ? और कंपनी लंबे समय में कितना अच्छा प्रदर्शन करेगी। जिस तरह से कोई कंपनी अपने कर्मचारियों के साथ व्यवहार करती है या रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है, यही सभ समय के साथ उसके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।

जब कंपनी का वित्तीय डेटा आसानी से उपलब्ध नहीं होता है तो स्टॉक, व्यवसाय और निवेश का मूल्यांकन करते समय गुणात्मक विश्लेषण मुश्किल हो जाता है।वित्तीय अनुपात, आय और अन्य संख्यात्मक डेटा सहित व्यापक निवेश थीसिस बनाने के लिए इसका उपयोग अक्सर मात्रात्मक विश्लेषण (QUANTITATIVE ANALYSIS) के साथ किया जाता है।

Mr.मार्केट और आपका स्वभाव

THE INTELLIGENT INVESTOR PDF के जरिये हम ग्राहम की “मिस्टर मार्केट” की अवधारणा को समझेंगे , जो एक काल्पनिक भागीदार है, जो हर दिन अलग-अलग कीमतों पर आपके निवेश को खरीदने या बेचने की पेशकश करता है। ग्राहम हमें यह सूचित करते है की,आपको मिस्टर मार्केट के तर्कहीन व्यवहार का अनुसरण हरगिज नहीं करना है। इसके बजाय, आपको अपने निवेश के बुनियादी सिद्धांतों पर ध्यान देना चाहिए।”

कल्पना कीजिए कि आपके पास मिस्टर मार्केट नाम का एक व्यापारी है। हर दिन, आप व्यवसाय में अपने शेयर खरीदने या बेचने की पेशकश करते हैं। वह जो कीमत बताता है वह दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है और कभी-कभी उसकी पेशकश अतार्किक लगती है।

मानलीजिए Mr. मार्किट का मूड बहोत ही उत्साही है तब मिस्टर मार्केट आपके स्टॉक को बहुत अधिक कीमत पर बेचने या खरीदने की पेशकश करता है, जो आपके विचार से व्यवसाय के मूल्य से कहीं अधिक है। और जब वो उदास होता है तब वो स्टॉक को बहुत ही कम कीमत पर बेचने या खरीदने की पेशकश करता है ,जो आपके विचार से व्यवसाय के मूल्य से बहुत ही कम है.

इस उदाहरण से बेंजामिन ग्राहम यह सीखना चाहते है की आपको मिस्टर मार्केट के भावनात्मक BEHAVIOUR का अनुसरण करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपके पास उसके तर्कहीन प्रस्तावों को नजरअंदाज करना चाहिए और इसके बजाय अपने निवेश के बुनियादी सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ।

दीर्घकालिक निवेश की शक्ति

“दीर्घकालिक निवेश की शक्ति” में ग्राहम दीर्घकालिक निवेश के महत्व पर जोर देते हैं। उनका तर्क है कि शेयर बाजार अल्पावधि में एक “वोटिंग मशीन” की तरह है, जहां भावनाओं और अटकलों को प्रभावित किया जा सकता है, लेकिन लंबी अवधि में एक “वजन मापने की मशीन” है, जहां किसी परिसंपत्ति का सही मूल्य स्पष्ट हो जाता है।

अल्पावधि (वोटिंग मशीन): अल्पावधि में, शेयर की कीमतें भावना, समाचार और बाजार की अटकलों से प्रभावित हो सकती हैं। किसी निश्चित समय पर निवेशक क्या महसूस करते हैं उसके आधार पर कीमतें ऊपर या नीचे जा सकती हैं। इससे कभी-कभी तेजी से और अप्रत्याशित मूल्य परिवर्तन हो सकता है।

लंबी अवधि (वजन मापने की मशीन): हालांकि, लंबी अवधि में शेयर बाजार कंपनियों के सही मूल्य को दर्शाता है। शेयर बाजार में, किसी कंपनी का वास्तविक प्रदर्शन और कमाई अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, और कीमतें अक्सर कंपनी के वास्तविक मूल्य से मेल खाती हैं।

बेंजामिन ग्राहम का कहना है कि आपको शेयर बाजार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जिस प्रकार कद्दू को तराजू पर रखने पर उसका वास्तविक वजन स्पष्ट हो जाता है, उसी प्रकार किसी कंपनी का वास्तविक मूल्य वैल्यू इन्वेस्टिंग के बाद स्पष्ट हो जाता है।

इसलिए, यदि आप शेयरों में निवेश करते हैं, तो भावनाओं और अटकलों के कारण होने वाले अल्पकालिक मूल्य में उतार-चढ़ाव में न फंसें। इसके बजाय दीर्घकालिक सोचें. ऐसा करने से, आप शेयर बाजार की “वजन मशीन” प्रकृति से लाभ उठा सकते हैं, जहां निवेश को उनके वास्तविक मूल्य को दिखने का मौका मिलता है।समय के साथ, यह दृष्टिकोण आपको अधिक जानकारीपूर्ण और संभावित रूप से लाभदायक निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकता है।

बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित “द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर” निवेश की दुनिया में कदम रखने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शिका है। सीधे शब्दों में कहें तोयह बुक हमे अपने पैसो को कैसे काम पर लगाना है यह सिखाती है।

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